कुंवर दोउ आये है फुलवारी -२
हाँ... अरे आये है फुलवारी अरे हो आये है फुलवारी
कुंवर....
रंग महल से चली जानकी संग लिए बहुँ नारी।
जो देखा दोउ कुंवर बाग़ मा चंद्र चकोर कुमारी।।
कुंवर....
लौटि परी जानकी बाग़ ते हर्ष भयो बहु भारी।
जौ देखा गिरिजा का मंदिर पहुंची जनक दुलारी।।
कुंवर....
हाथ जोड़ि के बोली जानकी सुनिए अरज हमारी।
बारह बरष मंडप मैंने मंडप लीप्यों ताते रह्यों कुंवाँरी ।।
कुंवर....
जौ वर चाहो सो वर दीजै सत्य अशीष हमारी।
तुलसीदास भज्यों भगवाना चकित भईं सब नारी।।
कुंवर....
निर्देशक : राजेंद्र बहादुर सिंह , राजरंदरा सिंह (विषधर)
प्रकाशक -शरद सिंह