सब दिन होत न एक समाना Sab din hot na ek samana

होत न एक समाना सब दिन -२
हाँ....... हो होत न एक समाना-2
सब दिन..........

एक दिन राजा हरिश्चन्द्र गृह  कंचन महल खजाना ।
एक दिन राजा हरिश्चन्द्र जी भरै डोम घर पाना।।
सब दिन………

एक दिन राजा रामचन्द्र जी चढ़ के जात विमाना।
चौदह बरस बनवास भयो है दसरथ तजे पराना।।
सब दिन…….

एक दिन अर्जुन  महाभारत मा रहे युद्ध के बाना।
भिल्लन लूटी गोपिका वई अर्जुन वई बाना।।
सब दिन……..

एक दिन बालक गोदी मा सोवै एक दिन होत जवाना।
एक दिन चिता के ऊपर सोवै धुवाँ उड़ै असमाना।।
सब दिन…….

कहै कबीर सुनो भई साधो यह पद है निरबाना।
जो यह पद का अर्थ लगावै होनहार बलवाना।।
सब दिन……..
                                                                       निर्देशक ; श्री राजेंद्र बहादुर सिंह ,श्री  राजेंद्र सिंह (विषधर )
                                                                       लेखक;  शरद सिंह
                                                              
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