राजन मानो वचन हमारो -२
हाँ...... हे मानो वचन हमारो -२
राजन .........
आये को अस कीजै राजन मत मेरो मन मारो।
पांच गांव पाण्डवन का दीजै सिगरो राज तिहारो।।
राजन .........
खजुहा गढ़ कै बैठक दीजै पूना और सतारो।
नेम धरम का काशी दीजै कनवज माझ बजारो।।
राजन .........
भीष्म कर्ण द्रोण दुर्योधन सब मिली मंत्र बिचारो।
भूमि न सुई अग्र भर छाणो चलै चहै दुधारो।।
राजन .........
इतना सुन के कृष्ण चंद्र ने पितामह को फटकारो।
सूर श्याम श्री कृष्ण के रूठे रईहै न राज तिहारो।।
राजन.........