धीर धरो रघुराई समर मा -2
हाँ.... हो धीर धरो रघुराई -2
समर मा........
शक्ति बाण लग्यो लक्षिमन के शोर भयो माही।
हे कौन जाये धवलागिरि पर्वत कौन सजीवन लायी।।
समर मा........
इतना सुनि के उठे पवनसुत धवलागिरी का जाई।
हे मूल सजीवन चीन्हि न पायी तो ले पर्वत उड़ि जाई।।
समर मा........
हे लइके पर्वत उड़े पवनसुत नगर अयोध्या आयी।
हे पर्वत की हंकार शब्द भरत वीर अकुलाई।।
समर मा........
हे राम राम कहि हनुमत जागे मूर्छा आयी भारी।
हे तुलसीदास भज्यो भगवाना लक्षिमन बचाई।।
समर मा........
निर्देशक ; श्री राजेंद्र बहादुर सिंह ,श्री राजेंद्र सिंह (विषधर )
लेखक; शरद सिंह
हाँ.... हो धीर धरो रघुराई -2
समर मा........
शक्ति बाण लग्यो लक्षिमन के शोर भयो माही।
हे कौन जाये धवलागिरि पर्वत कौन सजीवन लायी।।
समर मा........
इतना सुनि के उठे पवनसुत धवलागिरी का जाई।
हे मूल सजीवन चीन्हि न पायी तो ले पर्वत उड़ि जाई।।
समर मा........
हे लइके पर्वत उड़े पवनसुत नगर अयोध्या आयी।
हे पर्वत की हंकार शब्द भरत वीर अकुलाई।।
समर मा........
हे राम राम कहि हनुमत जागे मूर्छा आयी भारी।
हे तुलसीदास भज्यो भगवाना लक्षिमन बचाई।।
समर मा........
निर्देशक ; श्री राजेंद्र बहादुर सिंह ,श्री राजेंद्र सिंह (विषधर )
लेखक; शरद सिंह