कैकई कठिन बाण गहि मारा -2
हो कठिन बाण गहि मारा -२
कैकई कठिन बाण.......
रामचंद्र के रथा सजति है व्याकुल प्राण हमारा
हाँ हाँ हाँ व्याकुल प्राण हमारा।
बाह पकड़ि लै आओ कैकई नैन बहै जलधारा।।
कैकई कठिन बाण.......
काह कहू दुःख दारुण का जिन यह बचन उचारा
हाँ हाँ हाँ जिन यह बचन उचारा।
मोरे नगर की मणि हरि ले गए हीरालाल किनारा।।
कैकई कठिन बाण.......
राम बिना मोरी सूनी अयोध्या लक्ष्मण बिन अधियारा
हाँ हाँ हाँ लक्ष्मण अधियारा।
तुलसीदास भज्यो भगवाना चित्रकूट उजियारा।।
कैकई कठिन बाण.......
निर्देशक ; श्री राजेंद्र बहादुर सिंह ,श्री राजेंद्र सिंह (विषधर )
लेखक; शरद सिंह
लेखक; शरद सिंह