खोजी रहे दोउ भाई सिया का Khoji rhe dou bhai Siya ka

खोजी रहे दोउ भाई सिया का 2
हां हो खोजी रहे दोउ भाई ...
सिया....

मृगा मारि हरि वापस आए कुटिया जहां बनाई।
आश्रम देखि जानकी हीना विकल भय रघुराई।।
सिया....

अतिशय विकल भए रघुनंदन नैनन नीर बहाई।
कहां गई उई जनक नंदिनी कोउ नहि देत बताई।।
सिया...

पूछत चले लता तरु पाती लखन रहे समझाई।
हृदय मध्य प्रभु धीरज राखो लेबै पता लगाई।।
सिया...

खोजत खोजत वहां गए जह घायल पड़ा जटायु ।
सत्य वचन हृदय से बोलो किन यह दशा बनाई ।।
सिया.....

उखड़ी संसान कहत जटायु सुनो तात रघुराई।
गढ़ लंका का राजा रावणा लै गयो सिया चोराई।।
सिया...

ताते युद्ध भयानक ठाना रथ लीना विलमाई।
कहै राजिंदर सुन मोरे प्यारे तिन यह दशा बनाई।।
सिया........ 



निर्देशक : राजेंद्र बहादुर सिंह , राजेंद्र सिंह (विषधर)
 प्रकाशक -शरद सिंह
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