बाजि रही पैजनियाँ छमाछम बाजि रही पैजनियाँ
हाँ........ हो बाजि रही पैजनियाँ -2
छमाछम बाजि रही....
काहे की तोरी पग पैजनियाँ काहे कमर करधनियाँ।
काहे की तोरी मोहन माला काहे नाक नथुनियाँ।।
छमाछम बाजि रही....
चांदी की तोरी पग पैजनियां चांदी कमर करधनियाँ।
सोने की तोरी मोहन माला सोने नाक नथुनियाँ।।
छमाछम बाजि रही....
कौन गढावा पग पैजनियां कौने कमर करधनियाँ।
कौन गढावा मोहन माला कौने नाक नथुनियाँ।।
छमाछम बाजि रही....
ससुर गढावा पग पैजनियां जेठे कमर करधनियाँ।
देवर गढावा मोहन माला सइयाँ नाक नथुनियाँ।।
छमाछम बाजि रही....
कैसे टूटी तोरी पग पैजनियां कैसे कमर करधनियाँ।
कैसे टूटी तोरी मोहन माला कैसे नाक नथुनियाँ।।
छमाछम बाजि रही....
चले से टूटी पग पैजनियां बैठे कमर करधनियाँ।
हिले डुले टूटी मोहन माला चुम्मे से नाक नथुनियाँ।।
छमाछम बाजि रही....
निर्देशक : राजेंद्र बहादुर सिंह , राजेंद्र सिंह (विषधर)
प्रकाशक -शरद सिंह