मन तुम चले जाओ हम जानी -2
हो चले जाओ हम जानी -2
मन तुम चले ........
पांच तत्व का बना पींजरा ता में वस्तु बिरहनी।
आवे गा कोई लोग लहरिया डूबि मरे बिनु पानी।।
मन तुम चले ........
पांच सखी मिली चली बजारै एक ते एक सायानी।
सउदा करे भाव न जाने फिर पाछे पछतानी।।
मन तुम चले ........
राज करन का राजा जैहै रूप धरन का रानी।
वेद पढ़न का पंडित जइहै औ जइहै अगवानी।।
मन तुम चले ........
चंदो जइहै सूरजो जइहै जइहै पवन और पानी।
कहै कबीर नाम ना जइहै जिनके मन अभिमानी।।
मन तुम चले ........
निर्देशक ; श्री राजेंद्र बहादुर सिंह ,श्री राजेंद्र सिंह (विषधर )
लेखक; शरद सिंह
हो चले जाओ हम जानी -2
मन तुम चले ........
पांच तत्व का बना पींजरा ता में वस्तु बिरहनी।
आवे गा कोई लोग लहरिया डूबि मरे बिनु पानी।।
मन तुम चले ........
पांच सखी मिली चली बजारै एक ते एक सायानी।
सउदा करे भाव न जाने फिर पाछे पछतानी।।
मन तुम चले ........
राज करन का राजा जैहै रूप धरन का रानी।
वेद पढ़न का पंडित जइहै औ जइहै अगवानी।।
मन तुम चले ........
चंदो जइहै सूरजो जइहै जइहै पवन और पानी।
कहै कबीर नाम ना जइहै जिनके मन अभिमानी।।
मन तुम चले ........
निर्देशक ; श्री राजेंद्र बहादुर सिंह ,श्री राजेंद्र सिंह (विषधर )
लेखक; शरद सिंह