हो गति तुम्हारी न जानी माधव गति तुम्हारी न जानी
हाँ........ हो गति तुम्हरी न जानी -2
माधव गति.........
सतयुग माँ हरिचंद भी राजा सत्य ही सत्य बखानी।
नित उठ दान लेत मरघट पर भरे डोम घर पानी ।।
माधव गति .........
त्रेता माँ रावण भयो राजा सोने के लंक बखानी।
एक लाख पुत्र सवाओ लाख नाती लकड़ी कोऊ न आनी।।
माधव गति .........
द्वापर मा दुर्योधन राजा छत्र चले आसमानी।
दोनों कुल का नाश करा देहो होइ गए बंश कै हानी।।
माधव गति ........
कलयुग मा विक्रम भयो राजा ज्ञान बुद्धि कै खानी।
हाँथ कटाय परे तेली घर पेरै तेल कै घानी।।
माधव गति ........
यह लीला रघुनाथ कुंवर की तुलसीदास बखानी।
गावै सुनै पद पावै यह है मुक्ति निसानी।।
माधव गति ........
निर्देशक ; श्री राजेंद्र बहादुर सिंह ,श्री राजेंद्र सिंह (विषधर )
लेखक; शरद सिंह
हाँ........ हो गति तुम्हरी न जानी -2
माधव गति.........
सतयुग माँ हरिचंद भी राजा सत्य ही सत्य बखानी।
नित उठ दान लेत मरघट पर भरे डोम घर पानी ।।
माधव गति .........
त्रेता माँ रावण भयो राजा सोने के लंक बखानी।
एक लाख पुत्र सवाओ लाख नाती लकड़ी कोऊ न आनी।।
माधव गति .........
द्वापर मा दुर्योधन राजा छत्र चले आसमानी।
दोनों कुल का नाश करा देहो होइ गए बंश कै हानी।।
माधव गति ........
कलयुग मा विक्रम भयो राजा ज्ञान बुद्धि कै खानी।
हाँथ कटाय परे तेली घर पेरै तेल कै घानी।।
माधव गति ........
यह लीला रघुनाथ कुंवर की तुलसीदास बखानी।
गावै सुनै पद पावै यह है मुक्ति निसानी।।
माधव गति ........
निर्देशक ; श्री राजेंद्र बहादुर सिंह ,श्री राजेंद्र सिंह (विषधर )
लेखक; शरद सिंह